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हिन्दी ख़याल (सय्यद पीर महर अली शाह रदि.)

जब से लागे तोरे संग नैन पिया
नींद गयी, आराम नहीं, सारी-सारी रैन पिया।

दुःख आये सुख भाग गए
सब ऐश मिटा सारा चैन पिया।

 तन मन धन सब तुझ पर वारूँ
वार देउँ कौनेन पिया।

जिया तड़पत है दर्शन दीजो
सदक़ा हसन हुसैन पिया।

वसल्ले अला क्या शानन है
ला-मिस्लका फिद-दारैन पिया।

मेहरे अली है हुब्बे नबी और हुब्बे नबी है मेहरे अली
लेहमोका लेहमी जिस्मोका जिस्मी फ़र्क नहीं माबैन पिया।

जब से लागे तोरे संग नैन पिया
नींद गयी, आराम नहीं, सारी-सारी रैन पिया।

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