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मौला अली और सय्यदा फ़ात्मा (अलै) का निकाह

हज़रत अली (अलै) से सय्यदा फ़ात्मा (अलै) के निकाह का हुक्म ख़ुद अल्लाह तआला ने दिया.

१- हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने मसूद रिवायत करते हैं कि हुज़ूर (सल.) ने फ़रमाया:

अल्लाह तआला ने मुझे हुक्म फ़रमाया है कि मैं फ़ात्मा का निकाह अली से कर दूँ.

२- हुज़ूर (सल.) ने फ़रमाया:

ऐ अनस क्या तुम जानते हो कि जिब्रील (अलै) मेरे पास साहिब-ए-अर्श का क्या पैग़ाम लाये हैं ?
हुज़ूर ने फिर फ़रमाया:
अल्लाह तआला ने मुझे हुक्म फ़रमाया है कि मैं फ़ात्मा का निकाह अली से कर दूँ.

माला-ए-आला में सय्यदा फ़ात्मा (अलै) का निकाह और चालीस हज़ार फ़रिश्तों की शिरक़त.

३- हज़रत अनस बिन मालिक से मरवी है:

रसूलुल्लाह (सल) मस्जिद में तशरीफ़ फ़रमा थे कि हज़रत अली (रज़ी) से फ़रमाया, "यह जिबरील है जो मुझे यह बता रहा है कि अल्लाह तआला ने फ़ात्मा से तुम्हारी शादी कर दी है और तुम्हारे निकाह पर चालीस हज़ार फ़रिश्तों को गवाह के तौर पर मजलिस-ए-निकाह में शरीक किया गया और शजर हाए तूबा से फ़रमाया कि इन पर मोती और याक़ूत निछावर करो. फिर दिलकश आँखों वाली हूरें उन मोतियों और याक़ूतों से थाल भरने लगीं जिन्हें [तक़रीब-ए-निकाह में शिरकत करने वाले] फ़रिश्ते क़यामत तक एक दूसरे को बतौर तोहफ़ा देंगे.

४- हज़रत अली (रज़ी) से रिवायत है कि हुज़ूर (सल) ने फ़रमाया:

मेरे पास एक फ़रिश्ते ने आकर कहा,' ऐ मुहम्मद (सल) ! अल्लाह तआला नेआप पर सलाम भेजा है और फ़रमाया है "मैंने आप की बेटी फ़ात्मा का निकाह माला-ए-आला में अली इब्ने अबी तालिब से कर दिया है, पस आप ज़मीन पर भी फ़ात्मा का निकाह अली से कर दें.

सन्दर्भ:
  1. तबरानी, मौजम अल-कबीर १०: १५६ 
  2. तबरानी, मौजम अल-कबीर २२: ४०७
  3. हैश्मी, मजमा-उज़-ज़वाइद ०९:२०४ 
  4. हिन्दी, कन्ज़ुल उम्माल ३२८९१, ३२९२९, ३७७५३
  5. इब्ने जौज़ी ने 'तज़किरातुल ख़वास' में सफहा २७६ पर हज़रत अब्दुल्लाह बिन बुरीदा (रज़ी) से रिवायत किया है.
  6. हुसैनी ने 'अलबयान-वत-तारीफ़' में कहा है कि इसे इब्ने असाकिर और ख़तीब बगदादी ने हज़रत अनस इब्ने मालिक से रिवायत किया है.
  7. मनावी, फैज़ुल क़दीर ०२:२१५
  8. तबरी, ज़ख़ाईरुल उक़बा फ़ी मनाक़िब-ए-ज़विल क़ुर्बा, ७१-७२ 

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